दक्षिण पंचाल का अर्थ
[ deksin penchaal ]
दक्षिण पंचाल उदाहरण वाक्य
परिभाषा
संज्ञा- कंपिल नगर और चंबल नदी के बीच का पांचाल देश:"द्रौपदी का स्वयंवर अहिक्षेत्र में हुआ था"
पर्याय: अहिक्षेत्र, अहि-क्षेत्र, अहिच्छत्र, अहिछत्र, दक्षिण पांचाल, दक्षिण पाञ्चाल
उदाहरण वाक्य
अधिक: आगे- कनिंघम के अनुसार वर्तमान रुहेलखंड उत्तर पंचाल और दोआबा दक्षिण पंचाल था।
- नीप दक्षिण पंचाल के एक राजा का नाम था , जो मथुरा के यादव-राजा भीम सात्वत के समकालीन थे।
- कुरु ने दक्षिण पंचाल को भी जीत लिया तथा अपने साम्राज्य का विस्तार प्रयाग ( इलाहाबाद ) तक कर लिया ।
- दक्षिण पंचाल की सीमा गंगा नदी के दक्षिणी तट से लेकर चम्बल नदी या चर्मण्वती नदी तक थी [ 7 ] ।
- ( रघुवंश , 6,46 ) नीप दक्षिण पंचाल के एक नृप का नाम था , जो मथुरा के यादव-राजा भीम सात्वत के समकालीन थे ।
- उस समय कान्यकुब्ज की स्थिति दक्षिण पंचाल में रही होगी , किन्तु उसका अधिक महत्व नहीं था , क्योंकि दक्षिण-पंचाल की राजधानी कांपिल्य में थी।
- पश्चिम में इसकी सीमा मत्स्य जनपद से और पूर्व में दक्षिण पंचाल राज्य की सीमाओं से मिलती थी ( देखिए पार्जीटर- मार्कण्डेय पुराण , पृ 0 351 - 52 , )
- महाभारत के आदिपर्व से ज्ञात होता है कि पांडवों के गुरु द्रोणाचार्य ने अर्जुन की सहायता से पंचालराज द्रुपद को हराकर उसके पास केवल दक्षिण पंचाल ( जिसकी राजधानी कांपिल्य थी ) रहने दिया और उत्तर पंचाल को हस्तगत कर लिया था [ 4 ] कि द्रोणाचार्य ने परास्त होने पर कैद में डाले हुए पंचाल राज द्रुपद से कहा - ‘ मैंने राज्य प्राप्ति के लिए तुम्हारे साथ युद्ध किया है।